सोने पर सुहागा वाला निवेश: सिर्फ 500 रुपये में शुरू कर सकते हैं Gold Mutual Fund में निवेश


भारत में सोना हमेशा भरोसे और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। पहले गोल्ड खरीदने के लिए ज्वेलरी शॉप जाना, मेकिंग चार्ज देना और लॉकर की चिंता रखना जरूरी था। लेकिन अब यही निवेश डिजिटल रूप में आसान, सुरक्षित और किफायती हो गया है। इसी बदलाव का सबसे लोकप्रिय विकल्प है - Gold Mutual Funds।

गोल्ड म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?

ये फंड सीधे सोना नहीं खरीदते बल्कि Gold ETFs में निवेश करते हैं, और Gold ETF आगे फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है। यानी बिना असली सोना खरीदे उसकी कीमत बढ़ने का फायदा आपके निवेश तक पहुंच जाता है।

क्यों बढ़ी Gold Mutual Fund की डिमांड?

निवेशकों की नजर में यह एक आसान और भरोसेमंद विकल्प बन चुका है। शुद्धता को लेकर कोई चिंता नहीं होती, मेकिंग चार्ज नहीं लगता और जमीन-जायदाद जैसा बड़ा निवेश भी नहीं करना पड़ता। यह पूरा निवेश डिजिटल और झंझट-रहित है।

कम पैसों में निवेश और बिना डीमैट की सुविधा

इन फंड्स में कोई भी निवेशक सिर्फ 500 रुपये से SIP शुरू कर सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि Demat Account की जरूरत नहीं होती। केवल एक मोबाइल ऐप से पूरा निवेश सम्भव है।

शुद्धता और सुरक्षा का भरोसा

Gold Mutual Funds में अप्रत्यक्ष रूप से 99.5% शुद्धता वाले डिजिटल गोल्ड का एक्सपोज़र मिलता है। ये स्कीमें SEBI के नियमों के अंतर्गत काम करती हैं, इसलिए सुरक्षित मानी जाती हैं।

बेचना आसान और पैसा सीधे अकाउंट में

निवेशक किसी भी समय यूनिट्स रिडीम कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में पैसा सीधे बैंक खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड की तरह बेचने की कोई समस्या नहीं होती।

टैक्स और खर्च पर एक नजर

हर फंड का Expense Ratio 0.5% से 1% के बीच रहता है।
अगर यूनिट्स 24 महीने से पहले बेची जाती हैं, तो टैक्स आपकी आय स्लैब के अनुसार लगता है। 24 महीने बाद बेचने पर 12.5 फीसदी LTCG लगेगा।

गोल्ड फंड्स का हालिया रिटर्न: निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी की असली वजह

गोल्ड की मजबूत कीमतों ने पिछले कुछ सालों में गोल्ड फंड्स के रिटर्न को भी तेजी दी है। कई फंड्स ने एक, दो और तीन साल में बेहद मजबूत रिटर्न दिया है, जो नए निवेशकों को भी इस कैटेगरी की ओर आकर्षित कर रहा है।

HDFC Gold ETF Fund of Fund – Direct Plan

इस फंड ने पिछले एक साल में लगभग 65.82 फीसदी का रिटर्न दिया। 2 साल में इसका प्रदर्शन 40.49 फीसदी तक पहुंचा और तीन साल की अवधि में इसका औसत रिटर्न करीब 32.15 फीसदी रहा है। यह बहुत अधिक जोखिम श्रेणी में आता है और 3-Star रेटिंग रखता है।

SBI Gold Fund

यह फंड गोल्ड कैटेगरी के टॉप परफॉर्मर्स में शामिल है। एक साल में 65.53 फीसदी रिटर्न, दो साल में 40.08 फीसदी और तीन साल में 31.77 फीसदी तक रिटर्न दिया है। यह 4-Star रेटिंग वाला फंड है और इसमें जोखिम का स्तर बहुत अधिक माना जाता है।

Quantum Gold Savings Fund – Direct Plan

इस फंड ने एक साल में 65.61 फीसदी का रिटर्न दिया है। तीन साल का औसत प्रदर्शन 32.15 फीसदी और पांच साल में रिटर्न लगभग 19.73 फीसदी रहा है। यह हाई-रिस्क फंड है लेकिन 4-Star रेटिंग के साथ भरोसेमंद विकल्पों में शामिल है।

Axis Gold Fund – Regular Plan

Axis Gold Fund ने भी मजबूत रिटर्न दिया है। एक साल में 63.75 फीसदी रिटर्न, दो साल में 39.58 फीसदी और पांच साल में 19.49 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। इस फंड को भी 4-Star रेटिंग मिली है और यह हाई-रिस्क कैटेगरी में आता है।

निवेशकों के लिए क्या संकेत है?

लगातार मजबूत रिटर्न और सोने की बढ़ती कीमतें यह साफ दिखाती हैं कि Gold Mutual Funds आने वाले समय में भी निवेशकों के लिए आकर्षक बने रह सकते हैं। इसके साथ कम राशि से निवेश, बिना डीमैट की सुविधा और आसान रिडेम्पशन जैसे फीचर्स इस कैटेगरी को और भी लोकप्रिय बनाते हैं।

अगर आप गोल्ड में बिना झंझट निवेश करना चाहते हैं और सुरक्षित, आधुनिक विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो Gold Mutual Funds आपके लिए एक समझदारी भरा कदम साबित हो सकते हैं।

Gold Mutual Fund में कैसे करें निवेश?

• सबसे पहले अपनी KYC पूरी करें। PAN, Aadhaar और मोबाइल नंबर वेरिफाई करें।
• किसी भरोसेमंद AMC का गोल्ड फंड चुनें जैसे SBI, HDFC, ICICI, Axis या Quantum आदि।
• फंड का Expense Ratio, रिटर्न और पिछले वर्षों का प्रदर्शन जरूर जांचें।
• तय करें कि आपको SIP से शुरुआत करनी है या Lump-Sum से निवेश करना है।
• ऐप या वेबसाइट पर बैंक ऑटो–पे सेट करें, जिससे हर महीने SIP अपने आप कटती रहे।
• निवेश शुरू होने के बाद आप किसी भी समय फंड की यूनिट्स बेच सकते हैं।
• पैसा बेचने के कुछ दिनों बाद सीधे आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है।
• इस प्रक्रिया में Demat Account, ब्रोकरेज या फिजिकल गोल्ड जैसी कोई झंझट नहीं होती।

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