Groww Mutual Fund ने इस बार निवेशकों के लिए एक साथ दो नए Passive फंड लॉन्च किए हैं -
Groww Nifty Metal ETF और Groww Multi Asset Omni FOF।
दोनों फंड का NFO खुल चुका है और 17 दिसंबर 2025 को बंद होगा।
1 जनवरी 2026 से ये फंड दोबारा खरीद–बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।
1) Groww Nifty Metal ETF - मेटल सेक्टर में सरल और सस्ता निवेश
यह एक ETF (Exchange Traded Fund) है जो Nifty Metal Index (TRI) को फॉलो करता है।
मतलब—फंड वही कंपनियाँ खरीदेगा जो मेटल इंडेक्स में हैं और उसी अनुपात में खरीदेगा।
किसमें निवेश करता है?
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95%–100%: मेटल और माइनिंग कंपनियाँ
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0%–5%: मनी मार्केट या लिक्विड/डेब्ट फंड
कौन-कौन सी कंपनियाँ शामिल होंगी?
स्टील, एल्यूमिनियम, कॉपर, जिंक, आयरन ओर जैसी मेटल बनने वाली बड़ी कंपनियाँ।
यानी भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल ग्रोथ से जुड़ी कंपनियों में आसान एक्सपोज़र।
न्यूनतम निवेश
500 रुपये (Re 1 के मल्टीपल में)
फंड मैनेजर
निखिल सताम, आकाश चौहान और शशि कुमार
Groww की SPEARTech तकनीक क्या करती है?
Groww अपने passive फंड्स में हाई-फ्रीक्वेंसी रीबैलेंसिंग का उपयोग करता है ताकि
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इंडेक्स के साथ पकड़ मजबूत रहे
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ट्रैकिंग एरर कम हो
2) Groww Multi Asset Omni FOF - एक फंड, तीन-चार तरह की संपत्तियाँ
यह एक Fund of Funds है, यानी यह सीधे शेयर या बॉन्ड नहीं खरीदता, बल्कि अन्य फंडों में निवेश करता है।यह आपके पैसे को तीन मुख्य चीजों में बाँटकर निवेश करेगा:
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Equity (65%–100%)
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Debt (10%–25%)
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Gold & Silver ETFs (10%–25%)
यानी एक ही फंड में शेयर + बॉन्ड + सोना + चांदी सब मिल जाएगा।
किसके लिए अच्छा है?
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जो लोग एक ही फंड में Diversification चाहते हैं
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जिनको Markets में उतार-चढ़ाव के दौरान संतुलन चाहिए
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जिन्हें Gold–Silver की भी थोड़ी पकड़ चाहिए
न्यूनतम निवेश
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Lump Sum/Switch: ₹500
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SIP: ₹500
बेंचमार्क
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Nifty 500 TRI – 65%
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CRISIL Composite Bond Fund Index – 25%
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Domestic Gold Prices – 5%
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Domestic Silver Prices – 5%
फंड मैनेजर
परास मतालिया, शशि कुमार और विल्फ्रेड गॉन्साल्वेस
किसे इन फंड्स पर नज़र रखनी चाहिए?
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नए निवेशक जिन्हें आसान, सस्ता और समझने-लायक विकल्प चाहिए
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Metal सेक्टर में एक्सपोज़र चाहने वाले
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Multi Asset Diversification चाहने वाले
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ETF और Passive फंड पसंद करने वाले लोग
निवेशकों के लिए सलाह
इन दोनों फंड्स का सबसे बड़ा पहलू यह है कि ये बिल्कुल नए हैं। नए फंड्स होने के कारण इनका कोई पुराना ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए सिर्फ नाम या NFO देखकर निवेश करना समझदारी नहीं माना जाता। खासकर ऐसे समय में, जब पहले से ही कई पुराने और बेहतर प्रदर्शन करने वाले मेटल ETFs और Multi-Asset फंड मार्केट में उपलब्ध हैं, जिनका इतिहास, उतार-चढ़ाव और जोखिम साफ दिखाई देता है।
नए फंड्स में निवेश तभी करें जब आपको उसकी रणनीति, सेक्टर और उसमें मौजूद जोखिम अच्छी तरह समझ आते हों। अगर आप शुरुआत कर रहे हैं और आपके लिए स्थिर प्रदर्शन जरूरी है, तो शुरुआत में पुराने और स्थापित फंड्स को प्राथमिकता देना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
फिर भी, कम रकम से एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं या Groww के passive सिस्टम और SPEARTech रीबैलेंसिंग पर भरोसा है, तो बहुत छोटा हिस्सा इस NFO में लगाया जा सकता है - लेकिन पूरी तरह से इसमें निर्भर रहना सही नहीं है।
अंत में, किसी भी नए फंड में निवेश करने से पहले अपनी समय-अवधि, जोखिम क्षमता और लक्ष्य को ध्यान में रखना सबसे महत्वपूर्ण है। नया फंड तभी चुनें जब वह आपके पोर्टफोलियो की जरूरत पूरा करता हो, सिर्फ "NFO है" इसलिए नहीं।

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