Parag Parikh Mutual Fund (PPFAS) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिकी शेयर बाज़ार में निवेश का नया रास्ता खोल दिया है। फंड हाउस ने दो नए पैसिव ओवरसीज़ फंड ऑफ फंड्स (FoFs) की घोषणा की है—‘Parag Parikh IFSC S&P 500 Fund of Fund’ और ‘Parag Parikh IFSC Nasdaq 100 Fund of Fund’।
पिछले कुछ वर्षों से भारतीय निवेशकों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करना मुश्किल बन गया था। लेकिन यह नया लॉन्च इस बाधा को काफी हद तक दूर कर सकता है। इस रिपोर्ट में हम समझेंगे कि ये फंड क्या हैं, कैसे काम करेंगे और आपके पोर्टफोलियो के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
क्या लॉन्च कर रहा है PPFAS?
PPFAS अपनी GIFT City स्थित सब्सिडियरी
PPFAS Alternate Asset Managers IFSC Pvt. Ltd.
के जरिए दो नए Fund of Funds ला रहा है।
इनका उद्देश्य है:
1. अमेरिकी कंपनियों में आसान निवेश का रास्ता
ये फंड अमेरिका की सबसे बड़ी और प्रमुख कंपनियों में अप्रत्यक्ष निवेश का अवसर देंगे।
2. Fund of Funds संरचना
ये फंड सीधे Apple या Microsoft जैसे स्टॉक्स नहीं खरीदेंगे।
इसके बजाय वे अपना पैसा उन अंतरराष्ट्रीय ETFs में लगाएंगे जो S&P 500 और Nasdaq-100 को ट्रैक करते हैं।
3. दो विकल्प
– S&P 500 Fund: अमेरिकी अर्थव्यवस्था की शीर्ष 500 कंपनियों को ट्रैक करता है।
– Nasdaq-100 Fund: NASDAQ की 100 सबसे बड़ी नॉन-फाइनेंशियल टेक कंपनियों को ट्रैक करता है।
दोनों ही डॉलर-डिनॉमिनेटेड फंड होंगे और GIFT City से संचालित होंगे।
ये फंड कैसे काम करेंगे?
इनका कामकाज बेहद सीधा है:
– निवेशकों से जुटाया पैसा सीधे विदेशी ETFs में निवेश किया जाएगा।
– 90–100% हिस्सा उन ETFs में जाएगा जो S&P 500 या Nasdaq-100 इंडेक्स को ट्रैक करते हैं।
– 0–10% हिस्सा लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए डेट सिक्योरिटीज में रखा जाएगा।
सबसे खास बात—ये फंड accumulating ETFs में पैसा लगाएंगे। यानी डिविडेंड का भुगतान नहीं होगा, बल्कि वह फिर से निवेश में जोड़ दिया जाएगा। इससे कंपाउंडिंग और टैक्स दक्षता दोनों बढ़ती हैं।
निवेश से पहले जानने योग्य मुख्य बातें
न्यूनतम निवेश
शुरूआती निवेश 5,000 अमेरिकी डॉलर से होगा।
कौन निवेश कर सकता है?
– भारतीय निवासी व्यक्ति
– कंपनियां
– ट्रस्ट
– साझेदारी फर्में
खर्च (Expense Ratio)
– Direct Plan: लगभग 0.30% (अधिकतम 0.40%)
– Regular Plan: लगभग 0.60% (अधिकतम 0.70%)
लिक्विडिटी
– कोई लॉक-इन नहीं
– कोई एग्जिट लोड नहीं
– पैसे कभी भी निकाले जा सकते हैं
टैक्स
– भारतीय निवेशकों पर कोई इनहेरिटेंस टैक्स लागू नहीं
– फॉरेक्स कन्वर्ज़न की जटिलता नहीं होगी
– कैपिटल गेन टैक्स आपकी होल्डिंग अवधि (2 वर्ष से कम या अधिक) पर निर्भर करेगा
कंपनी का नजरिया
PPFAS के चेयरमैन और CEO Neil Parikh का कहना है कि यह कदम भारतीय निवेशकों को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने का सरल और कुशल तरीका है।
उनकी नज़र में accumulating ETFs में निवेश ज्यादा टैक्स-कुशल है क्योंकि:
– स्टॉक्स की खरीद-बिक्री कम होती है
– डिविडेंड का तत्काल टैक्स नहीं लगता
– लागत कम रहती है
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगले वित्त वर्ष में PPFAS एक एक्टिव ग्लोबल इक्विटी फंड लाने की योजना बना रहा है।
यह लॉन्च क्यों महत्वपूर्ण है?
पिछले तीन साल से भारतीय म्यूचुअल फंड्स में अंतरराष्ट्रीय निवेश लगभग बंद था।
नए SIP स्वीकार नहीं किए जा रहे थे, कई योजनाएं सीमित या बंद हो चुकी थीं।
कारण था—उद्योग का ओवरसीज़ निवेश लिमिट पूरा हो जाना।
PPFAS ने इससे निकलने के लिए एक नया रास्ता चुना है—
GIFT City IFSC के जरिए विदेशी ETFs तक पहुंच।
यह रास्ता RBI की Liberalised Remittance Scheme (LRS) के तहत काम करता है और घरेलू MF निवेश सीमा की समस्या से बचाता है।
निष्कर्ष
PPFAS का यह कदम सिर्फ एक नया उत्पाद लॉन्च नहीं, बल्कि भारतीय निवेशकों के लिए एक नया अवसर है। S&P 500 और Nasdaq-100 जैसे मजबूत इंडेक्स के जरिए वैश्विक कंपनियों में निवेश का साफ, पारदर्शी और कम लागत वाला विकल्प अब उपलब्ध हो रहा है।
फंड्स को रेगुलेटर के पास फाइल कर दिया गया है और उम्मीद है कि NFO अगले कुछ महीनों में शुरू होगा।

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