निवेशकों के सामने सबसे आम प्रश्नों में एक है—“ऐसा लम्पसम पैसा जो 5–7 साल तक नहीं चाहिए, उसे कहां निवेश करें?”
यह सवाल जितना साधारण लगता है, उतना है नहीं। अधिकतर लोग इसे गलत तरीके से पूछते हैं, इसलिए जवाब भी उलझा हुआ महसूस होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आपकी एक सही गोल-बेस्ड फाइनेंशियल प्लानिंग बनी हो, तो यह सवाल खुद ही गायब हो जाता है।
लेकिन कई लोगों को जब यह बात बताई जाती है, तो उन्हें लगता है कि यह उनके प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं है।
समस्या कहां होती है?
अक्सर निवेशक पहले से तय कर लेते हैं कि उन्हें किस दो विकल्प में से उत्तर चाहिए—जैसे “इसमें निवेश करूं या उसमें?”
जबकि सही विकल्प उनकी सोच से बाहर भी हो सकता है।
यदि आपकी सभी शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म गोल्स पहले से तय हैं और उनके अनुसार निवेश कर रहे हैं, तो अचानक मिले लम्पसम पैसे के सिर्फ तीन विकल्प होते हैं:
इसे अपने मौजूद लक्ष्यों में बाँट दें।
इसे किसी नए लक्ष्य/ज़रूरत के लिए अलग से निवेश करें।
दोनों का मिश्रण अपनाएँ।
पहला तरीका बिल्कुल आसान है। आपने लक्ष्य तय किए हैं, एसेट एलोकेशन तय है और आपका शेड्यूल भी है। ऐसे में लम्पसम को वहीं जोड़ देना सबसे सुरक्षित तरीका होता है।
कब चाहिए पैसा, यही सबसे बड़ा फैसला
अगर आप दूसरा विकल्प चुनते हैं—यानि इस लम्पसम को किसी नए मकसद के लिए बचाना है—तो आपको यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि यह पैसा कब चाहिए।
5 साल बाद?
7 साल बाद?
जितना साफ समय तय होगा, निवेश उतना आसान होगा।
अनेक निवेशक बिना सोचे-समझे उत्पाद चुन लेते हैं, जबकि पहले यह तय करना ज़रूरी है कि समय कितना है और जोखिम कितना ले सकते हैं।
3, 5, 7 और 10 साल के लिए सरल नियम
विशेषज्ञों के अनुसार यह बेसिक नियम हमेशा काम आते हैं—
पैसा चाहिए 3 साल में
– पूरी तरह फिक्स्ड इनकम
– इक्विटी से पूरी दूरी
पैसा चाहिए 5 साल में
– 100% फिक्स्ड इनकम
– अनुभव वाले निवेशक 5–10% इक्विटी जोड़ सकते हैं
पैसा चाहिए 7 साल में
– 100% फिक्स्ड इनकम
– 5–10% इक्विटी (अनुभवी निवेशकों के लिए 10–25%)
पैसा चाहिए 10 साल में
– 80% फिक्स्ड इनकम
– 20–30% इक्विटी (अनुभवी निवेशक 30–40% तक जा सकते हैं)
10 साल से ज्यादा:
– इक्विटी धीरे-धीरे बढ़ाई जा सकती है
– लेकिन कुल इक्विटी 50–60% से ऊपर नहीं जानी चाहिए
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बाज़ार के हालिया उतार-चढ़ाव के आधार पर एसेट एलोकेशन कभी तय न करें।
संरक्षणवादी रहना ही लंबी अवधि में सुरक्षित रास्ता है।
पैसा कहाँ लगाएँ?
जब रणनीति तय हो जाए, तो निवेश के विकल्प सरल हो जाते हैं।
इक्विटी हिस्से के लिए:
– Sensex या Nifty इंडेक्स फंड
– मल्टी-एसेट फंड (इक्विटी ओरिएंटेड)
– एग्रेसिव हाइब्रिड फंड
फिक्स्ड इनकम के लिए:
10 साल तक के लक्ष्य:
– लिक्विड फंड
– मनी मार्केट फंड
10 साल से ज्यादा के लक्ष्य:
– गिल्ट फंड
– कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फंड
– डेट-ओरिएंटेड डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड
नए निवेशकों के लिए सरल और लो-रिस्क डेट विकल्प हमेशा बेहतर होते हैं।

0 Comments