बॉन्ड को अक्सर “सुरक्षित” निवेश माना जाता है। स्थिर रिटर्न, कम रिस्क और नियमित भुगतान के कारण पारंपरिक निवेशक इन्हें पसंद करते हैं। कई लोग सोचते हैं कि अगर डेट म्यूचुअल फंड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं, तो मैं सीधे क्यों नहीं करूँ और expense ratio बचा लूँ?
लेकिन क्या सीधे बॉन्ड में निवेश वास्तव में बिलकुल सुरक्षित है, खासकर कॉर्पोरेट बॉन्ड? शायद नहीं।
बॉन्ड क्या है?
बॉन्ड एक fixed-income साधन है। निवेशक को तय समय पर ब्याज (coupon) और मूल राशि (principal) लौटाने का वादा किया जाता है।
उदाहरण: ₹1,00,000 का 5 साल का बॉन्ड 7% वार्षिक coupon पर खरीदा, तो हर साल ₹7,000 ब्याज मिलेगा और 5 साल बाद ₹1,00,000 वापस मिलेंगे।
बॉन्ड कैसे काम करते हैं?
बॉन्ड ट्रेडेबल हैं। सेकेंडरी मार्केट में उनकी कीमतें ऊपर-नीचे होती रहती हैं। जल्दी बेचने पर आपको पूरा पैसा वापस न मिलना भी एक जोखिम है।
हर बॉन्ड की रेटिंग होती है, जो उसके issuer की repayment क्षमता दर्शाती है।
बॉन्ड रेटिंग क्यों महत्वपूर्ण है
भारत में प्रमुख रेटिंग एजेंसियां हैं: CRISIL, ICRA, CARE। ये एजेंसियां issuer की financial स्थिति का मूल्यांकन कर AAA से D तक रेटिंग देती हैं।
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AAA – सबसे सुरक्षित
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AA, A – उच्च या पर्याप्त क्रेडिट क्वालिटी
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BBB, BB, B – मध्यम या कम क्रेडिट क्वालिटी
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C, D – default या जोखिमपूर्ण
ध्यान रखें, रेटिंग स्थायी नहीं होती। AAA बॉन्ड भी समय के साथ BBB या C हो सकता है, जिससे निवेशक का पैसा प्रभावित हो सकता है।
सीधे बॉन्ड में निवेश के जोखिम
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क्रेडिट रिस्क (Default Risk) – issuer चुकौती में असमर्थ हो सकता है।
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इंटरेस्ट रेट रिस्क – बाजार दर बढ़ने पर आपके बॉन्ड की कीमत गिर सकती है।
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लिक्विडिटी रिस्क – जरूरत पड़ने पर जल्दी बेच पाना मुश्किल हो सकता है।
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रीइनवेस्टमेंट रिस्क – maturity पर वापस मिला पैसा कम ब्याज दर पर निवेश करना पड़ सकता है।
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कंसंट्रेशन रिस्क – ज्यादा पैसा एक ही issuer में लगाने पर नुकसान का खतरा बढ़ता है।
डेट म्यूचुअल फंड बेहतर क्यों हैं
डेट म्यूचुअल फंड इन जोखिमों को कम कर सकते हैं:
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Diversification: कई बॉन्ड और सिक्योरिटी में निवेश, default का असर कम।
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Interest rate management: fund managers portfolio duration को adjust कर सकते हैं।
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Liquidity: किसी भी बिज़नेस डे पर redemption संभव।
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Reinvestment: fund automatically reinvest करता है, returns smooth रहते हैं।
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Professional management: expert fund managers रिसर्च और जोखिम प्रबंधन करते हैं।
सीधे बॉन्ड बनाम डेट म्यूचुअल फंड
| गुण | सीधे बॉन्ड | डेट म्यूचुअल फंड |
|---|---|---|
| Diversification | कम, 1-2 बॉन्ड | कई issuer, sectors में फैलाव |
| Default risk | उच्च | कम, diversified |
| Liquidity | कम | ज्यादा, कभी भी redeem संभव |
| Reinvestment | खुद करना पड़ेगा | fund automatic reinvest |
| Concentration risk | उच्च | कम, diversified |
| Management | खुद | professional managers |
निष्कर्ष
बॉन्ड निवेश खराब नहीं है। लेकिन बिना अनुभव और समझ के सीधे बॉन्ड में जाना जोखिम भरा हो सकता है। डेट म्यूचुअल फंड वही exposure देते हैं, लेकिन कम जोखिम और professional management के साथ।
निवेशक को हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम क्षमता के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
नोट: यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के लिए है, किसी उत्पाद की सिफारिश नहीं।
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