नई फंड ऑफरिंग (NFO) को लेकर निवेशकों में उत्सुकता लगातार बढ़ रही है। कई म्यूचुअल फंड हाउस नए-नए थीम और स्ट्रेटेजी के साथ बाजार में उतर रहे हैं।
ऐसे में नया सवाल उठ रहा है—क्या NFO में निवेश करना वाकई अच्छा फैसला है? विशेषज्ञों के अनुसार NFOs आकर्षक तो लगते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी उतना ही शामिल रहता है।
सबसे बड़ा कारण यह है कि NFO का कोई पुराना ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता। निवेशक यह नहीं जान पाते कि फंड मैनेजर की रणनीति पिछले समय में कितनी सफल रही होती।
दूसरी ओर, NFO उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जो नई थीम या सेक्टर में शुरुआती स्तर पर निवेश करना चाहते हैं। कई फंड हाउस आजकल ऐसे NFO लॉन्च कर रहे हैं जो इनोवेशन, टेक्नोलॉजी या नए सेक्टरों पर फोकस करते हैं। इससे डायवर्सिफिकेशन का मौका भी मिलता है।
लेकिन NAV का ₹10 होना "सस्ता" होने का संकेत नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अक्सर सस्ते NAV को फायदे का सौदा समझ लेते हैं, जबकि असल मूल्य फंड की रणनीति, जोखिम और मैनेजर की क्षमता में होता है।
निष्कर्ष यह कि NFO में निवेश तभी अच्छा है जब रणनीति समझ में आए और जोखिम लेने की क्षमता हो। वरना ट्रैक रिकॉर्ड वाले पुराने फंड आज भी अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प माने जाते हैं।
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